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"वोमन ऑन टॉप"

औरत चढ़ी ऊपर गाड़ी के,  

ख्वाइशों की पहाड़ी पे...

हाथ में कैमरा,

आँखों में सवेरा,

दिल में सपनों का बसेरा,

औरत चढ़ी ऊपर,

बगैर आदमी की उधारी के,

औरत चढ़ी ऊपर

ख्वाइशों की पहाड़ी पे...

 

सीढ़ियां सारी तूने खुद हैं ढूंढी,

बीड़ियाँ भी खुद ही हैं फूंकी,

हिम्मत की तेरी शहनाई है गूँजी,

मशक्कत की ताल में है तू डूबी...

 

भले तेरी उँगलियों की टहनियाँ

मुड़ते-मुड़ते, कितनी भी हों सूजीं,

पर धकेल के हर आप - बीती,

मोड़ के रिवाज़ों का हर लोहा, 

तोड़ के नीतियों का हर आइना,

खोले हैं तूने मौकों के दरवाज़े

बजा के अपनी खुदी की सीटी...

 

बजा के अपनी खुदी की सीटी...

बजा के अपनी खुदी की सीटी...

औरत चढ़ी ऊपर गाड़ी के, 

बगैर आदमी की उधारी के,

औरत चढ़ी ऊपर,

ख्वाइशों की पहाड़ी पे...

 

लहरों की बेकरारी सी...

उफनते समंदर की आवारगी सी...

औरत चढ़ी ऊपर,

ख्वाइशों की पहाड़ी पे...

छवियों की कविता लिख के,

गुमनामी की पगडंडियां तूने छोड़ीं...

रौशनी की चट्टानों को तराश, 

बेनामी की बेड़ियाँ तूने सब तोड़ीं...

 

सायों की स्याही से किरदारों को रंगकर,

कहानियों की दिशाएं तूने मोड़ी...

हवाओं की मर्ज़ियाँ दिल में भरकर,

चाहत की अर्ज़ियों को अपनाकर, 

बनायी तूने खुद से खुद की जोड़ी...

हाए रे निगोड़ी, तूने कुछ न छोड़ी,

हाए रे निगोड़ी, करेगी तू कितनी फोड़ा-फोड़ी?

हाए रे छोरी, खुद की सरहदों को 

लांघ के रहेगी तू पूरी, लांघ के रहेगी तू पूरी...  

 

औरत चढ़ी ऊपर,

ख्वाइशों की पहाड़ी पे...

लहरों की बेकरारी सी...

उफनते समंदर की आवारगी सी...

औरत चढ़ी ऊपर,

ख्वाइशों की पहाड़ी पे...

 

फाड़ के जाल नसीहतों की

आज़ाद तेरी मुस्कान है छनी... 

दफना के मलाल के हरारतों को

आज़ाद एक मंज़र है तू बनी...

   

जहां कभी थी आँखों की नमी, 

आज है वहाँ कुछ बर्फ सी जमी... 

दूरियों को समेट के खुद के पास, 

खुद के करीब, तू है रहने चली,   

खुद के साथ, तू है बहने चली...

बहने चली, बहने चली, बहने चली...  

 

औरत चढ़ी ऊपर,

लहरों की बेकरारी सी...

हाथ में कैमरा,

आँखों में सवेरा,

पा के सपनों का बसेरा,

बगैर आदमी की उधारी के,      

औरत चढ़ी ऊपर,

ख्वाइशों की पहाड़ी पे... 

लहरों की बेकरारी सी...

उफनते समंदर की आवारगी सी...

औरत चढ़ी ऊपर,

ख्वाइशों की पहाड़ी पे...

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khel se bada 2.png
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“Tu Bumbai ki Albeli Missall”

Honthon ke oopar kaala till,

Batue mein sau wala bill,

Khaabon ki hai tu chalti mill,

Zidd, like Uma Thurman in Kill Bill…!

 

Tu Bumbai ki albeli missall,

Kyun sata rahi hai tujhko 

Dil ke andar ki kil-bil-kil-bil?

Tu fast local ki hard whistle,

Kya jataa rahi hai tujhko

Dil ke andar ki kil-bil-kil-bil?

 

Chal hata de har pehre ko,

Chal ghata de har kohre ko,

Bata apne har chehre ko,

 

“Aa jaa… chal… aa jaa,

Chal… aa jaa… aur mil…!

Bhor ki neeli hansi si khil.

Hona hai fanaa jo tujhko

Ban aati toofaa si still,

Hona hai tanha jo tujhko

Bana faulaad si will,

Aaja… aaja aur mil…

Ummeed si shajar saanjh si khil,

Mumkin is shehed hawa mein hil.”

 

Tu Bumbai ki albeli missall,

Tu fast local ki hard whistle, 

Kyun sata rahi hai tujhko 

Dil ke andar ki kil-bil-kil-bil?

Jaag, you mixed-up missal,

Bhaag, you tikkadd missal,

Phisal... phisal...

Phisal aur girr...

Phir utth ja tu Bismil...

Baahon mein bhar le,

Zehen ki har muskhil,

Aahon mein jakad le

Har chubhti needle… 

Dhakka de, mukka de,

Dhakka de, mukka de,

Atka de, phir latka de,

Ragda de, phatka de,

Andar ki kil-bil-kil-bil.

Aaja… aajaa... aajaa...

Maukon ke jhonkon se mil,

Chehek tu manzil-manzil,

Rakhne wale maangenge, 

Par de na kisiko tu apna dil. 

Karne de unko bhi zara,

kil-bil-kil-bil, kil-bil-kil-bil…

 

Lapton si tu kaabil…

Lehron si tu aamil,

Lapton si tu kaabil…

Lehron si tu aamil,

Aankhein teri nachengi

khushiyon se re kaatil, 

Chal waqt ki zubaan sil,

Aaja waqt ki zubaan sil.

 

Hey! Bumbai ki albeli missall,

Yo! Fast local ki hard whistle,

Honthon ke oopar kaala till,

Batue mein sau wala bill,

Khaabon ki hai tu chalti mill,

Zidd, like Uma Thurman in Kill Bill,

Zidd, like Uma Thurman in Kill Bill,

…Like Uma Thurman… in Kill Bill...

 

Uff! Bumbai ki albeli missall...!

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